bhairav kavach - An Overview

Wiki Article











वाद्यम् वाद्यप्रियः पातु भैरवो नित्यसम्पदा

कूर्चद्वन्द्वं महाकाल प्रसीदेति पदद्वयम् ।







कुंकुमेनाप्टगन्धेन गोरोचनैश्च केशरैः।

ವಾಮದೇವೋಽವತು ಪ್ರೀತೋ ರಣೇ ಘೋರೇ ತಥಾವತು

ऊर्ध्वं पातु विधाता च पाताले नन्दको विभुः

आप नोकरी करते हो, व्यापार करते हो या किसी परीक्षा की तैयारी कर रहे हो, आईएस, आईपीएस, सिविल सर्विसेज आदि जैसी परीक्षा की तैयारी कर रहे हो, तो आपको अवश्य ही अपराजिता स्तोत्र और बटुक भैरव स्तोत्र का पाठ करके जाना चाहियें, इसके पाठ से समस्त भय दूर होता है, और आपको निश्चित ही पूर्ण सफलता website मिलती है।

Report this wiki page